सर्ड में 03-04 जुलाई को पंचायत के रोडमैप पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई। प्रारंभ में सर्ड के निदेशक श्री आर.पी. सिंह ने स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कार्यशाला का उद्घाटन राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री एस.डी. शर्मा ने किया। पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव श्री एल. ख्यांग्ते, यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री जाॅब जकारिया, पंचायती राज विशेषज्ञ प्रो. एस.के. सिंह तथा विकास भारती के सचिव श्री अशोक भगत इसमें विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। उद्घाटन सत्र का संचालन श्री दीपांकर श्रीज्ञान एवं डाॅ विष्णु राजगढि़या ने किया।
उदघाटन करते हुए श्री एसडी शर्मा ने राज्य में पंचायत का रोडमैप बनाने तथा पंचायतों को वास्तविक शक्तियां सौंपने का सुझाव दिया।
यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री जाॅब जकारिया ने पंचायतों को अगले दस साल का विजन दस्तावेज बनाने का सुझाव देते हुए कहा कि हर मामले में किन एजेंसियों की भूमिका क्या हो तथा विभिन्न कार्य किस तरह से किये जाने चाहिए, इसके संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश बनाने से ही पंचायतों का विकास हो सकता है।
प्रथम सत्र में चर्चा का विषय था- झारखंड में पंचायती राज की वर्तमान स्थिति। इस सत्र की अध्यक्षता यूनिसेफ के कार्यक्रम अधिकारी श्री प्रेमचंद कुमार ने की। संचालन श्री अजीत कुमार सिंह ने किया।
दूसरे सत्र का विषय था- झारखंड में पंचायतों को शक्तियों का प्रत्यायोजन। इस सत्र की अध्यक्षता श्री बलराम ने की तथा संचालन श्री गुरजीत ने किया।
कार्यशाला के दूसरे दिन तीसरे सत्र में पेसा कानून तथा चैथे में ग्राम सभा सशक्तिकरण पर चर्चा हुई। दोनों सत्रों की अध्यक्षता प्रो एसके सिंह ने की तथा संचालन श्री अजीत कुमार सिंह ने किया। पांचवें सत्र में पंचायत के रोडमैप पर चर्चा की अध्यक्षता सर्ड के डिप्टी डायरेक्टर श्री महादेव धान ने की तथा संचालन श्री निखिलेश एवं श्रीमती रिचा चैधरी ने किया।
कार्यक्रम के दौरान पांच महिला पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। साथ ही, सर्ड परिसर में विकास भारती के स्टाॅल का उद्घाटन भी किया गया। कार्यशाला में विभिन्न जिलों से आये पंचायती राज पदाधिकारी एवं त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ ही एनजीओ प्रतिनिधि तथा पेसा क्षेत्रों के पाहन व प्रधान शामिल थे।
उदघाटन करते हुए श्री एसडी शर्मा ने राज्य में पंचायत का रोडमैप बनाने तथा पंचायतों को वास्तविक शक्तियां सौंपने का सुझाव दिया।
यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री जाॅब जकारिया ने पंचायतों को अगले दस साल का विजन दस्तावेज बनाने का सुझाव देते हुए कहा कि हर मामले में किन एजेंसियों की भूमिका क्या हो तथा विभिन्न कार्य किस तरह से किये जाने चाहिए, इसके संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश बनाने से ही पंचायतों का विकास हो सकता है।
प्रथम सत्र में चर्चा का विषय था- झारखंड में पंचायती राज की वर्तमान स्थिति। इस सत्र की अध्यक्षता यूनिसेफ के कार्यक्रम अधिकारी श्री प्रेमचंद कुमार ने की। संचालन श्री अजीत कुमार सिंह ने किया।
दूसरे सत्र का विषय था- झारखंड में पंचायतों को शक्तियों का प्रत्यायोजन। इस सत्र की अध्यक्षता श्री बलराम ने की तथा संचालन श्री गुरजीत ने किया।
कार्यशाला के दूसरे दिन तीसरे सत्र में पेसा कानून तथा चैथे में ग्राम सभा सशक्तिकरण पर चर्चा हुई। दोनों सत्रों की अध्यक्षता प्रो एसके सिंह ने की तथा संचालन श्री अजीत कुमार सिंह ने किया। पांचवें सत्र में पंचायत के रोडमैप पर चर्चा की अध्यक्षता सर्ड के डिप्टी डायरेक्टर श्री महादेव धान ने की तथा संचालन श्री निखिलेश एवं श्रीमती रिचा चैधरी ने किया।
कार्यक्रम के दौरान पांच महिला पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। साथ ही, सर्ड परिसर में विकास भारती के स्टाॅल का उद्घाटन भी किया गया। कार्यशाला में विभिन्न जिलों से आये पंचायती राज पदाधिकारी एवं त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ ही एनजीओ प्रतिनिधि तथा पेसा क्षेत्रों के पाहन व प्रधान शामिल थे।
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