10 से 12 अक्तूबर 2012, सर्ड, रांची।
झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय आवासीय टीओटी दस अक्तूबर 2012 को सर्ड में प्रारंभ हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पोषाहार, पेयजल एवं स्वच्छता पर आयोजित प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण में विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि एवं पंचायतों की महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी हुई।
राज्य ग्रामीण विकास संस्थान के दक्षिणी परिसर में हुए इस कार्यक्रम के प्रारंभ में दस अक्तूबर 2012 को सर्ड की ओर से श्रीमती शुभा कुमार ने प्रशिक्षणर्थियों का स्वागत किया। यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर दीपक डे ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं पोषण की मौजूदा स्थितियों की विस्तार से चर्चा करते हुए खास तौर पर महिलाओं एवं बच्चों के लिए चल रही योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायतों के प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।
यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर श्री दीपक डे ने प्रथम सत्र में प्रशिक्षक की भूमिका निभाते हुए राज्य में स्वास्थ्य एवं कुपोषण की मौजूदा स्थितियों एवं चुनौतियों की चर्चा करते हुए पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की सार्थक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी योजनाओं का उल्लेख करते हुए इनके समुचित क्रियान्वयन में सक्रिय पहल की आवश्यकता बतायी।
झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर के समन्वयक डाॅ विष्णु राजगढि़या ने प्रशिक्षण का संचालन करते हुए राज्य गामीण विकास संस्थान एवं यूनिसेफ के प्रयासों की जानकारी दी। सर्ड की फेकेल्टी डाॅ वंदना ने राज्य में स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी आंकड़ों के आलोक में पंचायत प्रतिनिधियों को इस दिशा में प्राप्त अवसरों एवं अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान पंचायत महिला प्रतिनिधियों तथा स्वास्थ्य एवं पेयजल स्वच्छता अभियान से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने विगत लगभग पौने दो साल के अपने कामकाज की चर्चा करते हुए इसमें आ रही कठिनाइयों तथा अपनी उपलब्धियों पर अनुभवों का आदान-प्रदान किया। बीएनवी के राज्य समन्वयक प्रोफेसर एम.पी. सिंह ने भारत निर्माण सेवकों के चयन की प्रक्रिया एवं उनके कार्यों की चर्चा करते हुए स्वयंसेवी संस्थाओं एवं पंचायत प्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्रों में बीएनवी बनाने का सुझाव दिया।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन 11 अक्तूबर को सर्ड के फेकेल्टी दीपंकर श्रीज्ञान ने समुदाय की गोलबंदी से जुड़ी विभिन्न अवधारणाओं एवं कार्यनीतियों की चर्चा करते हुए स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी कार्यों में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया।
सेंट्रल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के फेकेल्टी श्री अजीत कुमार तथा मनरेगा वाच के संयोजक श्री गुरजीत ने माॅक ग्रामसभा के जरिये स्वास्थ्य एवं पोषण तथा पेयजल एवं स्वच्छता अभियान संबंधी विषयों पर कारगर पहल का बेहद रोचक एवं आसानी से समझा जाने वाला प्रशिक्षण प्रदान किया।
प्रशिक्षण के तीसरे दिन चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट, सिनी के विशेषज्ञ डाॅ सुरंजन ने पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के अनुभवों के आदान-प्रदान पर आधारित चर्चा के क्रम में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खास तौर पर महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतरी की दिशा में पहलकदमी की संभावनाओं पर चर्चा की।
झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर के समन्वयक डाॅ विष्णु राजगढि़या ने पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की संयुक्त पहल के माध्यम से कुछ विशिष्ट कार्यों को फोकस करके कुछ माॅडल विकसित करने की संभावनाओं के संबंध में समूह चर्चा के माध्यम से प्रेरित किया। प्रशिक्षण के अंत में सर्ड की फेकेल्टी श्रीमती शुभा कुमार एवं बीएनवी के राज्य समन्वयक प्रोफेसर एम.पी. सिंह ने प्रशिक्षणर्थियों को प्रमाणपत्र वितरित किया।
झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय आवासीय टीओटी दस अक्तूबर 2012 को सर्ड में प्रारंभ हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पोषाहार, पेयजल एवं स्वच्छता पर आयोजित प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण में विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि एवं पंचायतों की महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी हुई।
राज्य ग्रामीण विकास संस्थान के दक्षिणी परिसर में हुए इस कार्यक्रम के प्रारंभ में दस अक्तूबर 2012 को सर्ड की ओर से श्रीमती शुभा कुमार ने प्रशिक्षणर्थियों का स्वागत किया। यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर दीपक डे ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं पोषण की मौजूदा स्थितियों की विस्तार से चर्चा करते हुए खास तौर पर महिलाओं एवं बच्चों के लिए चल रही योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायतों के प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।
यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर श्री दीपक डे ने प्रथम सत्र में प्रशिक्षक की भूमिका निभाते हुए राज्य में स्वास्थ्य एवं कुपोषण की मौजूदा स्थितियों एवं चुनौतियों की चर्चा करते हुए पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की सार्थक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी योजनाओं का उल्लेख करते हुए इनके समुचित क्रियान्वयन में सक्रिय पहल की आवश्यकता बतायी।
झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर के समन्वयक डाॅ विष्णु राजगढि़या ने प्रशिक्षण का संचालन करते हुए राज्य गामीण विकास संस्थान एवं यूनिसेफ के प्रयासों की जानकारी दी। सर्ड की फेकेल्टी डाॅ वंदना ने राज्य में स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी आंकड़ों के आलोक में पंचायत प्रतिनिधियों को इस दिशा में प्राप्त अवसरों एवं अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान पंचायत महिला प्रतिनिधियों तथा स्वास्थ्य एवं पेयजल स्वच्छता अभियान से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने विगत लगभग पौने दो साल के अपने कामकाज की चर्चा करते हुए इसमें आ रही कठिनाइयों तथा अपनी उपलब्धियों पर अनुभवों का आदान-प्रदान किया। बीएनवी के राज्य समन्वयक प्रोफेसर एम.पी. सिंह ने भारत निर्माण सेवकों के चयन की प्रक्रिया एवं उनके कार्यों की चर्चा करते हुए स्वयंसेवी संस्थाओं एवं पंचायत प्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्रों में बीएनवी बनाने का सुझाव दिया।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन 11 अक्तूबर को सर्ड के फेकेल्टी दीपंकर श्रीज्ञान ने समुदाय की गोलबंदी से जुड़ी विभिन्न अवधारणाओं एवं कार्यनीतियों की चर्चा करते हुए स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी कार्यों में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया।
सेंट्रल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के फेकेल्टी श्री अजीत कुमार तथा मनरेगा वाच के संयोजक श्री गुरजीत ने माॅक ग्रामसभा के जरिये स्वास्थ्य एवं पोषण तथा पेयजल एवं स्वच्छता अभियान संबंधी विषयों पर कारगर पहल का बेहद रोचक एवं आसानी से समझा जाने वाला प्रशिक्षण प्रदान किया।
प्रशिक्षण के तीसरे दिन चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट, सिनी के विशेषज्ञ डाॅ सुरंजन ने पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के अनुभवों के आदान-प्रदान पर आधारित चर्चा के क्रम में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खास तौर पर महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतरी की दिशा में पहलकदमी की संभावनाओं पर चर्चा की।
झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर के समन्वयक डाॅ विष्णु राजगढि़या ने पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की संयुक्त पहल के माध्यम से कुछ विशिष्ट कार्यों को फोकस करके कुछ माॅडल विकसित करने की संभावनाओं के संबंध में समूह चर्चा के माध्यम से प्रेरित किया। प्रशिक्षण के अंत में सर्ड की फेकेल्टी श्रीमती शुभा कुमार एवं बीएनवी के राज्य समन्वयक प्रोफेसर एम.पी. सिंह ने प्रशिक्षणर्थियों को प्रमाणपत्र वितरित किया।